बिहार की बेहतरी के लिए सत्ता परिर्वतन जरुरी - जनसुराज

 

बेतिया,02 फरवरी। बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सुधार करने वाले अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हुए है। मुख्यमत्री उनके आगे बेवस व लाचार दिख रहें हैं। यह बात रविवार को कृश्चन क्वार्टर के डीपीएस स्कूल में  आयोजित जनसुराज विचार मंच के बैनर तले आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्राचार्य सुनील दुबे जी ने कही  नरेंद्र सिंह ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता वक्त किएl ई. सिकंदर चंद्रा ने कहा कि बिहार का कभी शिक्षा क्षेत्र में गौरवशाली इतिहास रहा है. नालंदा और विक्रमशीला जैसे ज्ञान के केन्द्र दुनिया के ज्ञान पिपाशुओं को आकर्षित करता था। आज हालात यह है कि बिहार के छात्र के  पढ़ाई के लिए देश के विभिन्न राज्यों में भटक रहे है। जनसुराज विचार मंच के अध्यक्ष विकास बिहारी सिंह ने कहा कि लालू  और नीतीश की कुत्सित नीतियों के कारण यहां बेरोजगारी व पलायन एक प्रमुख समस्या बन गई है। पढ़े लिखे युवक से लेकर हुनरमंद हाथ व मजूदर रोजी-रोजगार के लिए अन्य राज्यों में ठोंकर खा रहे है.विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र पाठक ने कहा कि गांधी की राह पर चल कर प्रशांत किशोर  बिहार की राजनीतिक दशा एवं दिशा सुधारने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच सत्याग्रह का रास्ता अख्तियार किया है. जिसके कारण  जन सुराज एक मजबूत विकल्प के रूप में हमारे सामने है ।  

  डॉ. अर्चना बाला ने कहा कि आज बिहार की जनता भ्रष्टाचार और अव्यस्था के दो पाटो के बीच पीस रही है। व्यवस्था में बदलाव के लिए सत्ता परिर्वतन जरुरी है, नहीं तो आगे आने वाली पीढी हमें माफ नहीं करेगी। मुख्य अतिथि ने अरुण डेविड और रविन्द्र बौद्ध ने शिक्षा और रोजगार की गारंटी पर जोर दिया. प्रदेश महासचिव  नंदकिशोर कुशवाहा ने केंद्र और नीतीश सरकार के कार्यों की तीखी आलोचना की. बंधु दुबे ने युवाओं को 
आगे आकर जन सुराज का हाथ मजबूत करने पर बल दिया. इस अवसर पर अनील सिंह, सुनील जायसवाल, अधिवक्ता अवनीश कुमार नीरज, चंद्र मोहन वर्मा, अशोक सराफ, रघुनाथ जी अटल, अजय व अरुण कुमार सिंह, पत्रकार अमानुल हक़, नागेश गिरि, दीपक कुमार सिंह समेत अनेक वक्ताओं ने विचार रखें 
  मंच का संचालन पवन पाठक  ने रोचक ठंग से किया 

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