बेतिया के जिला शिक्षा कार्यालय सहित अन्य विभागों में हड़कंप का दृश्य, टीचरों और जनता में चर्चा विषय बना रहा।
Meri Pehchan/ Report By अमानुल हक़
बेतिया। पश्चिम चंपारण ज़िला में शिक्षा विभाग के डीईओ रजनी कांत प्रवीण के पास आए से अधिक संपति अर्जित मामले में बेतिया स्थित किराए के आवास पर बड़ी करवाई हुई है जिसमें निगरानी के टीम जो पटना से आई थी को बहुत कुछ प्राप्त हुआ है।
राज्य के विशेष निगरानी टीम के द्वारा शिक्षा विभाग के डीईओ के एक साथ कई जगहों पर गुरुवार को छापेमारी की गई। जिसमें सिर्फ बेतिया स्थित आवास पर सुबह 6बजे से शाम तक लगातार करवाई चलती रही जिसमें लगभग दो करोड़ रुपए सहित संपति के कागज़ात मिले। और रेड के दौरान निगरानी के टीम द्वारा डीईओ से पूछ ताछ किया गया जिसमें कई अहम जानकारी मिली।
जानकारी के मुताबिक डीईओ रजनीकांत प्रवीण पश्चिम चंपारण बेतिया के शिक्षा विभाग में कार्यरत है। इनके घर दरभंगा,मधुबनी सहित समस्तीपुर में भी बिहार विशेष निगरानी की टीम चार स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।
मिली ख़बर के मुताबिक रजनी कांत प्रवीण वर्ष 2005 से अब तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से संपति लगभग दो करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति अर्जित की है, जो उनके आय के स्रोत से अधिक बताया गया है।
रजनी कांत प्रवीण शिक्षा विभाग के 45वें बैच के ऑफिसर हैं। वे वर्ष 2005 में सेवा में आए और दरभंगा, समस्तीपुर और बिहार के अन्य जिलों में अधिकारी के रूप में सेवा दी। उनकी सेवा की कुल अवधि लगभग 20 साल है। डीईओ प्रवीण की पत्नी शुष्मा कुमारी एक संविदा टीचर रही बाद में नौकरी छोड़ दी और वर्तमान में ओपन माइंड बिरला स्कूल, दरभंगा की डायरेक्टर और ऑनर के रूप में हैं। जानकारी के मुताबिक डीईओ प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन से इस स्कूल को चला रही हैं।जानकार बताते हैं कि डीईओ प्रवीण और उनके घर के सदस्यों के नाम पर बिहार के पटना, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कई जमीन सहित फ्लैट हैं। जिसकी कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये बताई गई है। डीईओ और उनकी पत्नी ने अपनी सेवा अवधि के दौरान कानूनी स्रोतों से लगभग ढाई करोड़ रुपया कमाई है। इस दौरान व्यय भी लगभग करोड़ों में है।
जानकार बताते हैं कि बेतिया शिक्षा विभाग में सही से निगरानी की टीम जांच करे तो भ्रष्ट और अवैध साधनों से अवैध रूप से अर्जित की गई संपति अन्य कई छोटे अधिकारी और लिपिकों के पास से मिल सकती है।
ठीक इस तरह के छापामारी पश्चिम चंपारण ज़िला के अन्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पर हो तो इससे बड़ा भ्रष्टाचार मिल सकता है।
0 टिप्पणियाँ