Meri Pehchan / Report By मो अरमान अली
सीतामढ़ी, 24 दिसंबर। अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या धाम पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग एवं पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति जिला प्रशासन सीतामढ़ी के संयुक्त तत्वाधान में विश्व व्यापी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय रामायण कांक्लेव का आयोजन जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम में किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ,सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, विधायक मिथिलेश कुमार ,विधायक गायत्री देवी ,विधायक मोतीलाल प्रसाद ,विधायक अनिल कुमार राम, विधायक दिलीप राय,विधायक पंकज मिश्रा ,महंत श्री कौशल किशोर दास जी ,डॉ शुकदेव दास जी ,आचार्य चंद्रांशु जी महाराज ,महंत विश्व मोहन दास जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा भगवान राम की जन्म भूमि की तरह मां सीता की जन्म भूमि भी सजेगा। राम जन्मभूमि सीता जन्मभूमि दोनों का विकास होना है ।प्रभु श्री राम के हृदय में मां सीता है उनके धड़कन मां सीता है ।राम है तो जगत में प्राण है ।राम के प्राण मां जानकी है ।जगत की धरा की शान राम है और उसकी आन जानकी है। देहराम है तो हृदय जानकी है ।और जानकी में राम है तो राम में जानकी है ।
भगवान राम के हृदय में मां सीता सदा विराजमान है और मां सीता के हृदय में प्रभु श्री राम विराजमान है ।पुनर्जागरण का माहौल राम तत्व से जागृत होगा। विश्व को नई ऊर्जा राम से मिलेगी। राम सबसे अलग है राम का मार्ग राम के शब्द राम के कर्तव्य पथ उन्हें सर्वोत्तम रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम बनाता है। चराचर जगत के केंद्र बिंदु राम है पुरुषार्थ के सर्वोच्च शिखर पर राम है ।भारत के जन-जन के भावों में सर्वोच्च भाव राम है ।देश की प्रगति का भाव राम है। भारतीय संविधान के भाग तीन पर मौलिक अधिकार की चर्चा है मौलिक अधिकार के प्रथम पृष्ठ पर भगवान राम जानकी और लक्ष्मण जी का फोटो है। लोकसभा में उपलब्ध संविधान की मूल प्रति पर तस्वीर लगा है। जो विपक्षी अधिकार की बात करते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम को नहीं मानते हैं। संविधान की अलख जगाते हैं लेकिन राम के सत्य की प्रमाण मांगते हैं। संतों की निंदा करते हैं ।अपनी विकृत मानसिकता का परिचायक स्वभाव दिखाते हैं ।संविधान भारत की आत्मा है और संविधान में प्रभु राम लक्ष्मण और मां सीता की तस्वीर लगी है।मौलिक अधिकार की शुरुआत के पन्ने पर है।राम के नाम पर विपक्ष को विश्वास नहीं रखने वाले,सत्यता की खोज करने वाले न्यायालय में काल्पनिक राम कहने वाले संविधान की रक्षा नहीं कर सकते। राष्ट्र विरोधी मानसिकता वाले संस्कृति को विनष्ट करने वाले राम को न मानने वाले संविधान को कैसे मानेंगे।रामचरितमानस पर प्रश्न उठाने वाले संत का अपमान करने वाले अज्ञानी है ।भगवान राम अयोध्या में अकेला महसूस कर रहे हैं ।भगवान राम जब मिथिला में आए तो सीता जन्म भूमि का स्वागत हेतु तैयारी होना है ।भव्य तैयारी सीता जन्म भूमि का होगा। यहां के प्रतिनिधि जनमानस विकार मुक्त होकर बंधन मुक्त होकर संस्कार एवं संस्कृति से शक्ति भूमि सीता जन्मभूमि को सजाने का काम करेंगे। 21वीं शदी का भारत विश्व गुरु और विश्व शक्ति होगा। नए भारत का उदय होगा जो विश्व शक्ति विश्व का नेतृत्व करेगा।
अयोध्या की धरती के वीर बलिदानी को नमन करते हुए विकास को आयाम देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते है।समाज विकसित तब होगा जब संस्कृति विकसित होगी ।बिहार की संस्कृति को विकसित करना है और जानकी जन्मभूमि और जानकी की शक्ति को मजबूत करना है ।
डॉक्टर चंद्रांशु जी महाराज अयोध्या धाम से पधारे संत ने कहा अयोध्या में परम ब्रह्म परमात्मा के विवाह हेतु चिंतन चल रहा था।कथा में विश्वामित्र ऋषि का आगमन होता है।कथा श्रवण हेतु काम क्रोध लोभ अहंकार को त्यागना चाहिए। हृदय को शुद्ध करने हेतु श्री राम संकीर्तन के साथ कथा सुनाई। बाल्मीकि रामायण में महर्षि वाल्मीकि के शब्दों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा मां सीता का परित्याग प्रभु श्री राम ने नहीं किया था ।प्रजा की भलाई के लिए राजा के व्यक्तिगत त्याग तपस्या सर्वश्रेष्ठ त्याग को करना चाहिए ।महर्षि वशिष्ठ के इस विषय को समझते हुए यह प्रसंग आई है।प्रभु श्री राम प्रेम और मित्रता सहज भाव से करते हैं ।जानकी उनके लिए प्राण से प्रिया है ।उसका भी परित्याग कैसे कर सकते हैं ।
संत डॉक्टर शुकदेव दास जी महाराज ने कहा राम से रहित कुछ भी नहीं। राम सर्वत्र सर्वव्यापी हैं ।राम से सीता और सीता में राम दोनों एक दूसरे से अलग हो ही नहीं सकते। जगदीश्वरी की पावन जन्मभूमि पर वनवास की चर्चा सुनना भी लोग पसंद नहीं करते। बालकांड से उत्तरकांड में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जन जन ,घट घट में राम, सीताराम घर घर के राम है। जनक को जानकी जैसी पुत्री प्राप्त हुई और महाराज दशरथ को सीता जैसी बहू प्राप्त हुई यह सौभाग्य की बात है। राम तत्व का स्मरण पूजन घर-घर में स्थापित हो परम पूज्य गुरु महाराज सरकार तपस्वी नारायण दास जी महाराज ने प्रतिदिन संध्या 7:30 बजे 10 मिनट तक नाम जाप करने का आवाहन किया है ।सभी लोग इसे करें ।
डॉ सुरेश पांडे क्षेत्र संगठन मंत्री अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना ने कहा राम के आदर्श राम के जीवन दर्शन है ।समरस समाज निर्माण हो यही लक्ष्य है। राम तत्व के आध्यात्मिक धार्मिक एवं सामाजिक सांस्कृतिक तत्व है ।जिसे समझने की आवश्यकता है। राम का जीवन चार गुरुकुल परंपरा में बिता गुरु वशिष्ठ गुरु विश्वामित्र ऋषि मतंग ऋषि अगस्त ।इन्होंने चारों स्थान पर चार प्रकार की विद्या पाई ।इन्होंने संस्कृति की रक्षा के लिए माता अहिल्या माता सीता शूर्पणखा और माता शबरी के साथ समय व्यतीत किया और जीवन जीने की कला सिखाई ।जनक का राजमहल विदेह भूमि त्याग भूमि अयोध्या धाम त्याग भूमि,जलजीवी समाज की भूमि निषाद राज और जंगल समाज के लिए किष्किंधा एकत्रीकरण का सबक सिखाया। सांस्कृतिक पर्यावरण,वन्य जीवन पांच तत्व समाज एकत्रीकरण के गुण राम तत्व में है ।राम सर्वत्र है सर्वव्यापी हैं ।
सांसद देवेश चंद ठाकुर ने कहा जो ख्याति अयोध्या धाम को मिली है वही ख्याति मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी को मिलनी चाहिए और इसके लिए हम सब संकल्पित हैं ।सीता जन्मभूमि का विकास निश्चित रूप से होगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के सचिव आशुतोष द्विवेदी ने स्वागत भाषण से सभी आगत अतिथियों का अभिनंदन किया मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तस्वीर एवं अंग़ वस्त्र से सभी अतिथियों का सम्मान किया ।
लोक नृत्य प्रस्तुत करते हुए मुन्ना लाल यादव की टीम ने मनमोहक प्रस्तुति दी। कल्पना पटवारी के भजन ने तालियां बटोरी ।सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों ने नृत्य नाटिका प्रभु श्री राम से संबंधित प्रस्तुत किया ।बमरसिया नृत्य नगाड़ा पर थाप देते हुए हंसराज ने मथुरा से आकर सुंदरतम प्रस्तुति दी। डीपीएस के छात्रों ने रामायण पर आधारित समूह नृत्य प्रस्तुत किए।
आज के कार्यक्रम में संत राम उदार दास जी ,संत गोपाल दास जी, संत भूषण दास जी ,संत विष्णु मोहन दास जी ,संत प्रभु शरण दास जी ,संत दिनेश दास जी,महंत मनमोहन कौशिक जी,पूर्व सांसद रामकुमार शर्मा पूर्व विधायक रामनरेश यादव विधान पार्षद रेखा कुमारी,विधायक दिलीप राय पंकज मिश्रा, मिथिलेश कुमार मोतीलाल प्रसाद ,अनिल कुमार राम ,भाजपा जिला अध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता, पुनौरा मठ जानकी जन्मभूमि न्यास समिति पुनौरा धाम के सहसचिव प्रोफेसर उमेश चंद्र झा, कोषाध्यक्ष संत मनमोहन कौशिक, सदस्य मुकेश कुमार सिंह ,श्रवण कुमार, राम शंकर शास्त्री ,रघुनाथ कुमार ,रामकुमार दास,उपस्थित अतिथियों को मंचासिन किए।डॉ मनोज डॉ राजेश कुमार सुमन डॉक्टर एसके वर्मा ,आग्नेय कुमार,चुनचुन सिंह,प्रिंस तिवारी,भारती देवी,समेत हज़ारों सियाराम भक्तों ने अपनी उपस्थिति दी।
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