बेतिया, 30 जून। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना तथा बिहार योग विद्यालय मुंगेर के संयुक्त तत्वाधान में प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षकों व शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशकों के योग का दस दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण आईआईटी पटना में प्रथम चरण का संपन्न हो गया। परिषद की ओर से बिहार प्रदेश के लगभग सभी जिले से प्रथम चरण में योग प्रशिक्षण के लिए प्रारंभिक विद्यालयों अर्थात पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक लगभग एक सौ शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाने के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण समाप्त हो गया ।विदित है कि योगेश कुमार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना पश्चिमी चंपारण के पत्रांक 2116 दिनांक 16 -6-23 के तहत पश्चिमी चंपारण जिला से योग मास्टर में फखरुद्दीन शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशक उ म वि पुराना बाजार चनपटिया, शहाबुद्दीन अंसारी शारीरिक शिक्षक उ म वि डीही पकड़ी भितहा, सद्दाम हुसैन शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशक उ म वि भवानीपुर योगापट्टी तथा श्री हरिद्वार चौधरी शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशक उ म वि पचरुखा बगहा टू दस दिवसीय दिनांक 21- 30 जून 2023 तक आईआईटी पटना में योग मैट के साथ सहभागिता अर्जित करने का आदेश निर्गत किया गया था। विजय कुमार पंडित जिला खेल पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में प्रारंभिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षकों व शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशकों को प्रशिक्षण दी जा रही है, इसके बाद दूसरे चरण में दिनांक 1- 10 जुलाई 2023 तक माध्यमिक विद्यालयों के प्रत्येक जिले से चयनित शारीरिक शिक्षकों को योग की प्रशिक्षण दी जाएगी। सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को स्वस्थ रखने ,उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक तथा खेल प्रतियोगिता में सहभागिता अर्जित करने हेतु योग प्रशिक्षण के माध्यम से तैयार किया जाएगा। चारों प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर जिले के सभी विद्यालयों के अन्य शिक्षकों को योग का प्रशिक्षण देंगे। बच्चों को योग के साथ-साथ खानपान व बेहतर डाइट के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। खिलाड़ी किसी भी गेम का हो उन्हें योग करना जरूरी है क्योंकि योग से खिलाड़ी का शरीर में लचीलापन आता है तथा खिलाड़ी अपनी गेम में पूरी फोकस करता है। इससे कई बड़े प्रतियोगिता में पदक लेकर आता है। योग सभी खेलों का मदर गेम है । योग हर खिलाड़ी को अपने गेम में फोकस रखने, अपनी सांसो को कंट्रोल रखने तथा फीट रहने में सहायता प्रदान करता है। आजकल हर कोई स्ट्रेस में रहता है ,खिलाड़ी भी काफी हाईपर रहते हैं, काफी ज्यादा डिप्रेस्ड रहते हैं ।बच्चे में विकास काफी ज्यादा बेहतर होता है योग से, बच्चे स्टडी में भी पीछे नहीं रहते हैं।
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