कारगिल के शहीदों के त्याग एवं बलिदान से प्रेरणा लें नई पीढ़ी। “23 वीं कारगिल विजय दिवस पर शिद्दत से याद किए गए देश पर मर मिटने वाले बिहार एवं देश के अमर शहीद।

 



बेतिया, 26 जुलाई ।  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में कारगिल विजय दिवस की 23 वीं वर्षगांठ पर सर्वधर्म प्राथना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद एवं डॉ0 सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड  डॉ शाहनवाज़ अली अमित कुमार लोहिया ने संयुक्त रूप से सर्वप्रथम कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों एवं नायकों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भाग लेकर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ एजाज अहमद  ने कारगिल विजय दिवस पर प्रकाश डालते हुए कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि आज ही के दिन आज से 22 वर्ष पूर्व 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक रूप से करगिल युद्ध में विजय प्राप्त हुई। 03 मई 1999 को आरंभ हुई।देश पर मर मिटने वाले बिहार एवं देश के अमर शहीदो द्वारा लगभग 60 दिनों की करगिल युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। प्रत्येक वर्ष भारतवासी 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हुए अपने वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके त्याग एवं बलिदान को नमन करते हैं। इस अवसर पर डॉ0 एजाज अहमद ने स्मरण कराते हुए कहा कि कारगिल युद्ध में बिहार के सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे कर मातृभूमि की रक्षा करते हुए बिहार के 16 जांबाज अमर हो गए। इनके नाम इस प्रकार हैं।

 अमर शहीद मेजर चंद्र भूषण द्विवेदी (शिवहर), नायक गणेश प्रसाद यादव (पटना ), नायक विशुनी राय (सारण), नायक नीरज कुमार (लखीसराय), नायक सुनील कुमार (मुजफ्फरपुर), लांस नायक विद्यानंद सिंह (आरा), लाइंस नायक राम वचन राय (वैशाली), हवलदार रतन कुमार सिंह (भागलपुर), अरविंद कुमार पांडे( पूर्वी चंपारण), प्रमोद कुमार (मुजफ्फरपुर ), शिव शंकर गुप्ता (औरंगाबाद), हरदेव प्रसाद सिंह (नालंदा), एंबू सिंह (सिवान), रमन कुमार झा (सहरसा), हरे कृष्ण राम (सिवान), प्रभाकर कुमार सिंह (भागलपुर) ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमेशा के लिए अमर हो गए। इस अवसर पर डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल अमित कुमार लोहिया पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग शोधार्थी डॉ शाहनवाज अली ने  संयुक्त रूप से कहा कि करगिल युद्ध में लगभग 527 भारतीय वीर सैनिक मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए थे एवं 1300 लगभग वीर सैनिक जख्मी हुए। वीर सैनिकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। नई पीढ़ी को अपने वीर सैनिकों से सबक लेने की आवश्यकता है। जिससे युवाओं में नई जागृति उत्पन्न हो सके एवं भारत एक महाशक्ति के रूप में विश्व पटल पर प्रकट हो सके ।

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