फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने के लिए सुपरवाइजर को मिला प्रशिक्षण

 




हाजीपुर, 16 मार्च। वैशाली जिले में 24 मार्च से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए-आईडीए अभियान शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए कर्मियों को लगातार प्रशिक्षित किया जा रहा है। बुधवार  को  सदर अस्पताल में सुपरवाइजर को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने इस बीमारी के उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले अभियान के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने बताया कि अभियान के लिए 173 सुपरवाइजर ग्रामीण क्षेत्र, जबकि आठ सुपरवाइजर शहरी क्षेत्र में काम करेंगे। अभियान को लेकर शहरी क्षेत्रों में अलग से प्लानिंग की गई है। हाजीपुर शहरी क्षेत्र, महनार, महुआ, लालगंज में स्वास्थ्य परामर्शियों का दल बनाया गया है, जो आंगनबाड़ी के मिलकर काम करेगा। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को अभियान से संबंधित जानकारी देने के लिए सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग मीडिया वर्कशॉप का भी आयोजन किया गया है। 


तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी-

जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ सिंह ने कहा कि एमडीए-आईडीए अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग उन्मूलन के लिए चलाए जाने वाले अभियान की सफलता के लिए माइक्रो-प्लान बनाया गया है। माइक्रो-प्लान के अनुसार कार्य को संपादित कर सफल बनाया जाएगा। 24 मार्च से चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए तीन प्रकार की दवा खिलायी जाएगी। जिसमें डीईसी टैबलेट, अल्बेंडाजोल एवं आइवरमेक्टिन दवा शामिल हैं। 

उन्होंने बताया कि उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को खिलाई जाएगी। इस दौरान इस बात का ख्याल रखना है कि किसी व्यक्ति को खाली पेट दवाई नहीं खिलानी है।


कोविड प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन-

अभियान की सफलता को लेकर संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र में गृह भेंट की तर्ज पर घर-घर जाकर योग्य व्यक्तियों को अपने सामने में दवा खिलाएंगी।  इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन के साथ लोगों को दवाई खिलाई जाएगी और कोविड से बचाव एवं वैक्सीनेशन के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। 


रात में काटते हैं फाइलेरिया के मच्छर-

जिला वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ  सिंह ने कहा कि फाइलेरिया मुख्य तौर पर क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। जो अक्सर शाम ढलने के बाद काटते हैं। इस बीमारी को अपने स्वरूप में आने में आठ से दस साल लगते हैं जो घातक है। इससे बचाव का एकमात्र समाधान सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत दी जाने वाली दवा का सेवन करना है।

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