बेतिया, 24 मार्च। औषधीय पौधों की खेती, मूल्यवर्धन एवं विपणन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जिले सहित सीमावर्ती जिलों के सैकड़ों किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन उप विकास आयुक्त, श् अनिल कुमार द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित किसानों से औषधीय पौधों की खेती, प्रोसेसिंग, मूल्यवर्धन एवं मार्केंटिंग से संबंधित जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी चम्पारण जिला कृषि प्रधान है। औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक, प्रेरित एवं उत्साहित करना होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के उपरांत औषधीय पौधों की डिमांड काफी बढ़ी है। डिमांड की अपेक्षा उत्पादन कम हो रहा है। डिमांड और उत्पादन के गैप को भरना होगा। औषधीय पौधों से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन समय-समय पर करना होगा। जिला कृषि पदाधिकारी एवं जिला उद्यान पदाधिकारी को औषधीय पौधों के कृषकों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने तथा प्रोत्साहित करने का निदेश उप विकास आयुक्त द्वारा दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषकों से कहा कि सभी औषधीय पौधों तथा अन्य फसलों से जुड़े हुए किसान है। बेहतर तरीक से प्रशिक्षण करें और इसका लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का लाभ सिर्फ आप तक ही सीमित नहीं रहे, इसे अन्य कृषकों से भी साझा करें ताकि वे भी औषधीय पौधों की खेती कर लाभान्वित हो सके।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने वाले ऑरगनाईजेशन का कार्य सराहनीय है। इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से हो तो कृषकों को इसका फायदा अवश्य मिलेगा और औषधीय पौधों को बढ़ावा मिलेगा।
आरसीएफसी द्वारा लगाये गये औषधीय एवं सुगंधित पौधों की प्रदर्शनी का उप विकास आयुक्त द्वारा मुआयना किया गया तथा संबंधित अधिकारियों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया ताकि जिले के किसान लाभान्वित हो सके।
औषधीय पौधों की खेती, मूल्यवर्धन और विपणन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन रिजनल-कम-फैसिलेशन सेन्टर (आरसीएफसी), नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड (एनएमपीबी), मिनिस्ट्री ऑफ आयुष, भारत सरकार, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता द्वारा किया गया। आरसीएफसी के रिजनल डायरेक्टर डॉ0 संजय बाला ने आरसीएफसी राष्ट्रीय पादप बोर्ड का औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती एवं गतिविधियों पर दी जाने वाली सहयोग के बारे में जानकारी प्रदान किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश, जिला उद्यान पदाधिकारी विवेक भारती, डायरेक्टर, इंडियन कॉंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च, पटना उज्जवल कुमार, प्रेसिडेंट, एमएपीजीएबी एन0 के0 राय आदि ने अपने-अपने विचार वयक्त किये। औषधीय एवं सुगंधित पौधा उत्पादक संघ, बिहार के कृष्णा प्रसाद ने चम्पारण में खेती होने वाले सतावर, सर्पगंधा, कालमेघ, तुलसी आदि फसलों की खेती एवं मूल्यवर्धन पर जानकारी प्रदान किया। वहीं आरसीएफसी के कन्ससल्टेंट (मार्केटिंग), सुदिप्तो घोष ने औषधीय पौघों के मार्केंटिंग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
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