चंपारण, 30 जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, शहीद स्मारक समिति एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड एवं डॉ शाहनवाज अली ने ऐतिहासिक शहीद स्मारक के प्रांगण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत हुई ,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सारा जीवन सामाजिक एकता एवं अखंडता के लिए रहा ,इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ने कहा कि महात्मा गांधी को बेतिया के ऐतिहासिक धरती पर 1917 में ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला मे सत्य एवं अहिंसा का दिव्य दर्शन पहली बार प्राप्त हुआ था, सत्य अहिंसा एवं आपसी प्रेम के माध्यम से ही महात्मा गांधी ने चंपारण वासियों के सहयोग से समाज के उपेक्षित वर्ग एवं समाज के लोगों के दिलों को जीता था एवं राष्ट्रीय आंदोलन को धारदार बनाया था, आज भी महात्मा गांधी के विचार विश्व शांति एवं मानवता के लिए प्रसांगिक है ,महात्मा गांधी के सत्य अहिंसा एवं आपसी प्रेम के सिद्धांतों से विश्व में स्थाई शांति लाई जा सकती है, इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देश आज अपनी स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ,इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में बेतिया पश्चिम चंपारण में बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय स्थापित की जाए, इस अवसर पर वक्ताओं ने ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग करते हुए कहां की महात्मा महात्मा गांधी ने चंपारण जांच कमेटी के समक्ष किसानों एवं मजदूरों परअंग्रेजों के अत्याचार एवं नील के अभिशाप से मुक्ति के लिए 16 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला के प्रांगण में एवं 17 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक राज स्कूल के प्रांगण में 10,000 से अधिक किसानों ने अपना बयान दर्ज कराया था ,इस अवसर पर वक्ताओं ने जलवायु परिवर्तन की रोकथाम ,पर्यावरण संरक्षण , स्वक्षता एवं सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संकल्प लिया।
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