बिहार (सासाराम) 11 सितंबर। शहर के डीआरडीए सभागार कक्ष में कल बिहार सरकार के गन्ना उद्योग एवं विधि मंत्री सह धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने रोहतास जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार, कैमूर जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला सहित राजस्व पदाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों के साथ धार्मिक परिसंपत्तियों की मौजूदा स्थिति एवं उसकी पहचान से संबंधित विषयों पर विस्तार से समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में मंत्री ने दोनों जिले के सभी धार्मिक संपत्तियों का भौतिक निरीक्षण कर राजस्व विभाग के संबंधित पोर्टल पर जल्द-से-जल्द एंट्री सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। जिसके लिए जिला स्तर पर रोहतास के वरीय उप समाहर्ता चेतनारायण राय एवं कैमूर जिले के भूमि सुधार उप समाहर्ता संजय कुमार को नोडल पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। बैठक के संदर्भ में जानकारी देते हुए डीपीआरओ सत्यप्रिय कुमार ने बताया कि
रोहतास में 500 एकड़ एवं कैमूर ज़िले में लगभग 1000 एकड़ ट्रस्ट की भूमि को जिला प्रशासन द्वारा चिंहित किया गया है तथा सभी चिन्हित संपत्तियों के दाखिल खारिज आदि की कार्रवाई की जाएगी। वहीं रोहतास जिले में 105 पंजीकृत एवं लगभग 210 अपंजीकृत मंदिर भी पहचान किए गए हैं। धार्मिक संपत्तियों को चिन्हित किए जाने की उपलब्धि पर जिला प्रशासन को बधाई देते हुए मंत्री ने इस पुनीत एवं पावन कार्य को हमारी विरासत तथा गौरवशाली अतीत को जीवंत करने वाला अभियान बताया। इस दौरान जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने उपस्थित सभी अनुमंडल एवं राजस्व पदाधिकारीयों को मंत्री के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन का निदेश दिया है। जिसके पश्चात गन्ना एवं कृषि विभाग की उपलब्धि एवं चुनौतियों की समीक्षा कर कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस क्रम में भारत सरकार की इथेनॉल बनाने की नीति पर चर्चा करते हुए मंत्री ने बताया कि इथेनॉल के उत्पादन हेतु 6 माह गन्ना एवं 6 माह ग्रेन व चावल से इथेनॉल तैयार किया जाता है। जिसके लिए मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के तहत 210 रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान गन्ना किसानों को दिया जाएगा। साथ हीं गुड़ व खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने 50 प्रतिशत अनुदान राशि देने का भी प्रावधान किया है तथा इसके लिए लोगों में जागरूकता लाने की सख्त आवश्यकता पर मंत्री ने जोर दिया।
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