बेतिया, 9 अगस्त। अगस्त क्रांति दिवस पर इंसाफ़ मंच ने पिछले 8 माह से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में बेतिया में जूलूस निकाल जिला समाहर्ता के समक्ष प्रदर्शन किया, इंसाफ़ मंच के कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले अग्रेजो भारत छोडो़ आंदोलन में शहीद हुए क्रांतिकारियों के स्मारक शहीद पार्क में इकट्ठा होकर श्रधांजलि दिया, वहां से मार्च करते हुए जिला समाहर्ता के समक्ष प्रदर्शन किया, सभा को संबोधित करते हुए इंसाफ़ मंच के जिला नेता रूस्तम अली ने कहा कि पिछले आठ महीने में हम लोगो ने जो कुछ देखदेख रहे है वो हमे आज से 46 साल पहले लादी गई इमरजेंसी की याद दिलाता है। आज सिर्फ किसान आंदोलन ही नहीं, मजदूर आंदोलन, विद्यार्थी-युवा और महिला आंदोलन, अल्पसंख्यक समाज और दलित, आदिवासी समाज के आंदोलन का भी दमन हो रहा है। इमरजेंसी की तरह आज भी अनेक सच्चे देशभक्त बिना किसी अपराध के जेलों में बंद हैं, विरोधियों का मुंह बंद रखने के लिए यूएपीए जैसे खतरनाक कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है, मीडिया पर डर का पहरा है, न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला हो रहा है, मानवाधिकारों का मखौल बन चुका है। बिना इमरजेंसी घोषित किए ही हर रोज लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।इनके आलावा सुनील कुमार गिरी, शौकत अली, इसलाम अंसारी आदि नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार बेपरवाह देश पर कॉरपोरेट राज थोपने में जुटी है। लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों पर हमला करने में लगी है। इसलिए समय आ गया है कि अंग्रेजी राज के खिलाफ 9अगस्त 1942 को 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन की तरह आज 9अगस्त 2021 को 'कॉरपोरेट भारत छोड़ो, मोदी सरकार गद्दी छोडो़ की मांग किया जा रहा है, इनके अलावा गुलरेज खां, सुरेश राम, अच्छे लाल राम, सीताराम राम, नजरें आलम आदि नेताओं ने भी संबोधित किया
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