नई दिल्ली, 03 अगस्त। देश के रिजर्व बैंक के निर्देश को मानते हुए बैंकों ने लाखों की संख्या में चालू खाते बंद कर दिए हैं।बैंक के इस फैसले से देशभर के लाखों एमएसएमई को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।हालांकि,बड़ी कंपनियों पर इस फैसले का असर बहुत नहीं हुआ है क्योंकि उनके खाते कई बैंकों में होते हैं।गौरतलब है कि फंड के डायवर्जन को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले साल अगस्त में बैंकों द्वारा चालू खाते खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय किए थे।मोटे तौर पर,इन नियमों में कहा गया है कि बैंक उन उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते नहीं खोल सकते हैं,जहां उनका एक्सपोजर बैंकिंग प्रणाली में उधारकर्ता के कुल एक्सपोजर के 10 प्रतिशत से कम है।आरबीआई ने पहले बैंकों को सर्कुलर जारी करने के तीन महीने के भीतर इसका अनुपालन करने के लिए कहा था,लेकिन बैंकों द्वारा अनुपालन में असमर्थता जताने के बाद नियामक ने समय सीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी थी।अब,1 अगस्त से आरबीआई के नियमों का पालन करने के लिए बैंकों ने खातों को बंद या फ्रीज करना शुरू कर दिया है।चालू खाताधारकों में ज्यादातर व्यवसायी और उद्यमी हैं।
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