बेतिया, 15 अगस्त। पश्चिम चंपारण डी एम कुंदन कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग के निदेश के आलोक में 16 अगस्त से कक्षा 01 से लेकर 08 तक की सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ पठन-पाठन का कार्य प्रारंभ किया जाना है। इससे पूर्व विद्यालयों की अच्छे तरीके से साफ-सफाई तथा सैनेटाईजेशन कराना सुनिश्चित किया जाय ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा नहीं रहें। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक अनिवार्य रूप से मास्क पहनेंगे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करेंगे। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि छात्र-छात्राओं को गुणवतापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए हरसंभव प्रयास सुनिश्चित किया जाय। विद्यालयों में सभी शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित किया जाय। साथ ही विद्यालयों में नामांकित बच्चों की भी उपस्थिति सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के साथ ही उनके बेसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रधानाध्यापकों को यह निदेशित करेंगे कि विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर निगाह बनाये रखें। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें। अगर किसी बच्चे को सर्दी, खांसी, बुखार आदि लक्षण दिखाई दे तो तुरंत उन्हें चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करायी जाय।
उन्होंने निदेश दिया कि पठन-पाठन कार्य में लापरवाही एवं कोताही बरतने वाले, अनुपस्थित रहने वाले तथा अभिरूचि नहीं लेने वाले शिक्षकों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कैचअप कोर्स का अच्छे तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय ताकि बच्चों को अगली कक्षा की पढ़ाई-लिखाई में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि जिले में 266 भूमिहीन विद्यालय हैं। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि भूमि की उपलब्धता हेतु सभी भूमिहीन विद्यालयों की अंचलवार सूची संबंधित विभाग को उपलब्ध करायी जाय ताकि जल्द से जल्द भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा सके। साथ ही निर्माणाधीन विद्यालयों को भी जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाय।
डीपीओ, शिक्षा विभाग को निदेश दिया गया कि उन्नयन क्लासेज का संचालन नियमित रूप से कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि बच्चों को गुणवतापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके। साथ ही उन्नयन क्लासेज का नियमित तौर पर अनुश्रवण एवं निरीक्षण भी सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासेज वाले उच्च विद्यालयों का निरीक्षण किया जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि स्मार्ट क्लास के सफलतापूर्वक संचालन में कोई कठिनाई तो नहीं है। साथ ही उन्नयन मंच का भी गठन सुनिश्चित किया जाय।
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