कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की हुई समीक्षा।




बेतिया, 03 मई। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। संक्रमित मरीजों में से कईयों को जीएमसीएच में एवं अन्य डीसीएचसी में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ रही है। कोविड संक्रमित मरीजों की बेहतर चिकित्सीय व्यवस्था को बनाये रखना आवश्यक है ताकि मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। जीएमसीएच में संचालित डेडिकेटेड कोविड हाॅस्पिटल सहित जिले के अनुमंडल मुख्यालयों में संचालित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में पर्याप्त बेड, ऑक्सीजन तथा दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि हमें समन्वित प्रयास कर इस कठिन समय को पार करने की आवश्यकता है। 


जिलाधिकारी द्वारा कोविड मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के मद्देनजर सिविल सर्जन तथा अधीक्षक, जीएमसीएच को जीएमसीएच, बेतिया अवस्थित सी-ब्लाॅक के शेष बचे फ्लोर पर युद्धस्तर पर पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन बेड, शौचालय, शुद्ध पेयजल, हाउस कीपिंग, खान-पान आदि की व्यवस्था तुंरत करने का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में कोविड-19 की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को हर हाल में ऑक्सीजन मिले, इस हेतु कारगर कदम उठायें। साथ ही ऑक्सीजन का दुरूपयोग अथवा बर्बादी पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है। ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुव्यवस्थित तरीके से करनी है, दवा के साथ-साथ ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता रखें ताकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। साथ ही सरकारी अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की जो जरूरत है उसको पूर्ण करने के लिए अग्रतर कार्रवाई करें। 


जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल के तहत प्रत्येक मरीज के लिए ऑक्सीजन उपयोग का एक लाॅगबुक भी संधारण किया जाय। अधीक्षक, जीएमसीएच प्रत्येक क्यूविकल पर दो-दो व्यक्ति को शिफ्टवार प्रतिनियुक्त करेंगे, जिसका काम केवल ऑक्सीजन आपूर्ति पर नियंत्रण रखना होगा। जिलाधिकारी द्वारा श्री राजेश कुमार, निदेशक, डीआरडीए को उक्त कार्य का सतत अनुश्रवण करने हेतु निदेशित किया गया है। साथ ही ऑक्सीजन खपत का अंकेक्षण बीएमएसआइसीएल से कराने का निदेश दिया गया वहीं लिकेज आदि की जांच एल एण्ड टी से कराने का निदेश दिया गया। 


समीक्षा के क्रम में अधीक्षक, जीएमसीएच द्वारा बताया गया कि सी-ब्लाॅक के उपरी भाग पर 90 बेड्स की अतिरिक्त व्यवस्था करायी जा रही है। साथ ही मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था करायी जा रही है। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि जीएमसीएच के पूरे सी-ब्लाॅक को ही डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने की कार्रवाई युद्धस्तर पर करायी जाय। साथ ही जैसी सुविधा पूर्व से चिन्हित 120 बेड्स के लिए लागू किया गया है, ठीक उसी प्रकार की सुविधा अन्य अधिष्ठापित बेड्स के लिए भी सुनिश्चित किया जाय। 


सिविल सर्जन द्वारा एक्टिव केसेज, आरटीपीसीआर जांच एवं टीकाकरण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी  गयी। साथ ही कोविड अस्पतालों सहित सभी सरकारी अस्पतालों में दवा एवं बेडों की उपलब्धता तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि के संबंध में भी जानकारी दी गयी। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि कोविड अस्पतालों सहित सरकारी अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय साथ ही स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत कार्यरत अधिकारी, डाॅक्टर, नर्स सहित अन्य सभी कर्मियों से संबंधित अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध करायेंगे।


समीक्षा के क्रम में बताया गया कि अनुमंडल स्तर पर संचालित डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में बेड्स, ऑक्सीजन, दवाई, डाॅक्टर्स, नर्स आदि के रहने के बावजूद कम मरीज भर्ती हो रहे हैं और जीएमसीएच अवस्थित डीसीएच में काफी मरीज आ रहे हैं। इससे डीसीएच पर दबाव बढ़ गया है। ऐसी भी सूचना मिल रही है कि जो मरीज गंभीर नहीं है, वे भी डीसीएच में आ रहे हैं। जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि विभाग द्वारा जारी ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए लोगों को जागरूक किया जाय ताकि डीसीएच पर दबाव कम हो।  


जिलाधिकारी द्वारा प्राचार्य, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को प्रतिदिन स्वयं से निर्धारित रोस्टर के अनुसार डाॅक्टर्स की संबंधित वार्ड में उपस्थिति का अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया। साथ ही अनुपस्थिति की स्थिति  प्रतिस्थापन की भी कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। 


जिलाधिकारी ने कहा कि एक-एक जान कीमती है, इलाज के अभाव में किसी की भी जान नहीं जाय, इसका विशेष ध्यान रखा जाय। वेसे मरीज जो कोरोना से संक्रमित नहीं है, किंतु गम्भीर बीमारी से ग्रसित हैं, उन पर भी ध्यान देना आवश्यक है। इसके लिए ट्राईएज की व्यवस्था अधीक्षक, जीएमसीएच करायेंगे। साथ ही सिविल सर्जन को डीसीएचसी में भी 10 से 20 बेड नन-कोविड मरीज के लिए आरक्षित रखने का निदेश दिया गया है। 


जिलाधिकारी ने कहा कि माईकिंग के द्वारा गांव-गांव, शहर-शहर तक कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को सतर्क और सजग करने के लिए निरंतर अभियान चलायें। आमजन को अगल-बगल के गांव और मुहल्लों में जो कोरोना का फैलाव हो रहा है उसके बारे में बताएं कि आप अगर सतर्क और सजग रहेंगे तो संक्रमण का खतरा कम से कम होगा। उन्होंने कहा कि आमजन को यह जागरूक एवं प्रेरित करने की आवश्यकता है कि वे मास्क का जरूर उपयोग करें, आपस में दूरी बनाकर रहें, हमेशा साबुन से हाथ धोते रहें, बेवजह घर से बाहर नहीं निकलें।


इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, बेतिया,  उपेन्द्र नाथ वर्मा, उप विकास आयुक्त,  रवीन्द्र नाथ प्रसाद सिंह, एसडीएम, बेतिया,  विद्यानाथ पासवान, निदेशक, डीआरडीए,  राजेश कुमार, सिविल सर्जन, डाॅ0 अरूण कुमार सिन्हा, अधीक्षक, जीएमसीएच,  प्रमोद तिवारी, प्राचार्य, जीएमसीएच,  विनोद कुमार, जिला एपिडेमालाजिस्ट, डाॅ0 मुन्ना सहित एचओडी, एसएमओ, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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