पश्चिम चंपारण मे असामाजिक तत्वों सहित सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रखने का निदेश।




 


बेतिया, 12 फरवरी। डी एम कुंदन कुमार ने आज कहा कि इस वर्ष सरस्वती पूजा दिनांक-16 फरवरी को मनाया जा रहा है। मुख्यतः छात्र-छात्राओं/युवाओं द्वारा इस अवसर पर मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना कर पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन विभिन्न नदी, तालाबों एवं घाटों पर किया जाता है। जिले में शांतिपूर्ण तरीके से सरस्वती पूजनोत्सव सम्पन्न कराने हेतु सभी अधिकारियों एवं कर्मियों को पूरी तरह चौकस रहकर अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय, बिहार द्वारा सरस्वती पूजा को लेकर जारी दिशा निर्देश का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में सभी एसडीएम, एसडीपीओ सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।


जिलाधिकारी ने कहा कि पूजा के पूर्व पूजा समितियों से वार्ता कर उन्हें कोविड-19 के अभी भी होने वाले संक्रमण के खतरों से अवगत कराते हुए पंडालों में श्रद्धालुओं के बीच यथोचित सामाजिक दूरी रखने, सैनेटाइजर की व्यवस्था करने, पंडाल के प्रवेश करने के पूर्व प्रत्येक के चेहरे पर मास्क होने तथा कोविड-19 से संबंधित अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों को लागू कराने हेतु प्रेरित किया जाय। 


उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थलों पर स्थापित किये जाने वाले पूजा-पंडालों हेतु अनुज्ञप्ति प्राप्त करना अतिआवश्यक है। बिना अनुज्ञप्ति के किसी भी जगह पूजा-पंडाल का निर्माण नहीं होने पाय, इसका विशेष ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं के विसर्जन के क्रम में विसर्जन जुलूस में शामिल होने वाले लोगों की संख्या यथासंभव सीमित किया जाय। 


उन्होंने कहा कि विसर्जन जुलूस में सम्मिलित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि विसर्जन जुलूस में अबीर तथा गुलाल का प्रयोग वर्जित रहेगा। अबीर गुलाल एक-दूसरे को लगाने के लिए एक दूसरे को स्पर्श करने से कोरोना के संक्रमण की प्रबल संभावना रहेगी। 


जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि विसर्जन मार्गों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन कर लिया जाय। विसर्जन जुलूस हर हाल में निर्धारित रूट के अनुसार ही निकले। साथ ही विसर्जन जुलूस को विवादित मार्गों पर जाने से रोक लगायी जाय। उन्होंने निदेश दिया कि विसर्जन जुलूस की लगातार वीडियोग्राफी कराना सुनिश्चित किया जाय। विसर्जन जुलूस में हथियारों के प्रदर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगायी जाय। संवेदनशील स्थलों पर पुलिस बल तथा दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाय। साथ ही 17 फरवरी के संध्या के पूर्व ही शत-प्रतिशत मूर्ति विसर्जन कराना सुनिश्चित किया जाय। 


जिलाधिकारी ने कहा कि सरस्वती पूजा के अवसर पर विवादस्पद कार्टून, झांकी पर पूर्णतः रोक लगायी जाय। वहीं डीजे पर पर पूर्णतः रोक रहेगी। साथ ही अश्लील तथा भड़काऊ संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों के साथ पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाय। 


उन्होंने कहा कि विजर्सन घाटों पर पुलिस बल, दंडाधिकारी, चिकित्साकर्मी, गोताखोर, एसडीआरएफ तथा चिकित्सा दलों के साथ एंबुलेंस की व्यवस्था अपडेट रहनी चाहिए। साथ ही सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाह रखी जाय। सोशल मीडिया के माध्यम से भी असामाजिक तत्व विभिन्न प्रकार के अफवाहों को फैलाते हैं, जिससे विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है। उन्होंने साइबर सेल को पूरी मुस्तैदी के साथ विभिन्न सोशल मीडिया यथा-फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, यू-ट्यूब आदि पर निगरानी रखने का निदेश दिया है। 


पुलिस अधीक्षक, बेतिया उपेंद्र नाथ वर्मा ने पुलिस अधिकारियों को निदेश दिया कि सरस्वती पूजा के अवसर पर वे पूरी तरह चैकन्ना रहकर अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निवर्हन करेंगे। किसी भी परिस्थिति में विधि-व्यवस्था प्रभावित नहीं होने पाए, इसका विशेष ख्याल रखेंगे। असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगाह रखी जाय तथा प्रत्येक छोटी-छोटी गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक चौक-चौराहों सहित अन्य संवेदनशील स्थलों पर लगातार पुलिस गश्ती होनी चाहिए। धारा 107 के तहत कार्रवाई सुनिश्चित किया जाय।

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